ढोल-नगाड़े की आवाज , भगवा ध्वज और भक्तिभाव से ओतप्रोत लाखों की संख्या में जयकारा लगाते लोग, जी हाँ! हम बात कर रहे हैं विश्व की प्राचीनतम नैमिषारण्य की …
सनातन अर्थात जो सदैव से हो और वेद सनातन धर्म का आधार हैं। ऐसी मान्यता है की वेदों का उद्भव सृष्टि के साथ ही हुआ। आरंभ मे एक ही वेद…
जगह जगह मन्दिर की घण्टी, दिए की लौ, धूप बत्ती की सुगंध और मंत्रोच्चार जी हाँ यही है नैमिषारण्य की पहचान। देवताओं ने इस स्थान को धर्म की स्थापना के…
वैदिक काल से ही यज्ञों का आयोजन होता आ रहा है। अखंड यज्ञ भी उसी का विस्तार है। एक धार्मिक और सामाजिक उपाय है, जिसका आयोजन सनातन धर्म में विशेष…
आज के समय में जब आवश्यकताएं और आकांक्षाएं तेजी से बदल रही हैं , तो इसके कुप्रभाव से युवा भी अछूता नही रह गया है। आज आधुनिक जीवन के अनेक…

मान्यता है कि नैमिषारण्य क्षेत्र में श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने मात्र से मनुष्य पापमुक्त हो जाता है। श्री भागवत कथा का मनन और अनुपालन , मानव मात्र की मुक्ति…

याग का अर्थ है, त्याग, कर्मो का शुद्धिकरण और समर्पण। यागों के माध्यम से सम्पूर्ण जगत के कल्याण के लिए पवित्र मंत्रोच्चार के बीच जो सामग्री आहूत की जाती है,…

श्री वेदव्यास धाम में विश्व के कल्याण की कामना के साथ विश्व की सबसे बड़ी यज्ञशाला का निर्माण किया गया है । कहा जाता है ऋषियों मुनियों द्वारा निर्मित यह…